सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 142 (Article 142) के तहत संविधान द्वारा उसे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह (Justice Virendra Singh) को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त कर दिया। इससे पहले न्यायालय ने इस पद के लिए नामित व्यक्तियों की एक सूची को संज्ञान में लिया। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश से उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार को शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपना यह आदेश महेन्द्र कुमार जैन तथा राधाकांत त्रिपाठी द्वारा इस सम्बन्ध में दायर एक याचिका के परिप्रेक्ष्य में दिया जिसमें न्यायालय से प्रार्थना की गई थी लोकायुक्त नियुक्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय प्रदेश सरकार को निर्देशित करे। यह आदेश देने वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि उसके बार-बार आदेश दिए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने इस पद को भरने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
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