व्याचाक्कुरहल्ली (Vyachakurahalli) गाँव कर्नाटक राज्य के चिक्कबल्लपुर जिले के गौरिबिदनूर तालुके में स्थित गाँव है, जोकि राज्य की राजधानी बेंगलूरू से लगभग 77 किलोमीटर दूर है। यह छोटा सा गाँव उस समय चर्चा में आ गया जब इसे केन्द्र सरकार ने देश का पहला “धुआँ-मुक्त गाँव” (first smokeless village) घोषित कर दिया क्योंकि इस गाँव में अब परंपरागत चूल्हे को पूरी तरह से समाप्त कर प्रत्येक परिवार को एलपीजी (LPG) कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है। यह तब संभव हुआ जब इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने अपनी “मिशन स्मोकलेस विलेज” (‘Mission Smokeless village’) अभियान के तहत यहाँ के प्रत्येक 274 परिवारों को LPG कनेक्शन प्रदान कर दिया। उल्लेखनीय है कि दशकों से व्याचाक्कुरहल्ली में महिलाएं सिर्फ जलावन-लकड़ी (firewood) का प्रयोग एकमात्र ईंधन के रूप में कर रही थीं। इसके चलते जहाँ रसोईघरों में कालिख का राज था वहीं चूल्हे के खतरनाक धुएं में काम करते-करते तमाम महिलाएं खाँसी का शिकार को गईं थीं।
Monday, 7 December 2015
“धुआँ-मुक्त गाँव” (first smokeless village)
व्याचाक्कुरहल्ली (Vyachakurahalli) गाँव कर्नाटक राज्य के चिक्कबल्लपुर जिले के गौरिबिदनूर तालुके में स्थित गाँव है, जोकि राज्य की राजधानी बेंगलूरू से लगभग 77 किलोमीटर दूर है। यह छोटा सा गाँव उस समय चर्चा में आ गया जब इसे केन्द्र सरकार ने देश का पहला “धुआँ-मुक्त गाँव” (first smokeless village) घोषित कर दिया क्योंकि इस गाँव में अब परंपरागत चूल्हे को पूरी तरह से समाप्त कर प्रत्येक परिवार को एलपीजी (LPG) कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है। यह तब संभव हुआ जब इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने अपनी “मिशन स्मोकलेस विलेज” (‘Mission Smokeless village’) अभियान के तहत यहाँ के प्रत्येक 274 परिवारों को LPG कनेक्शन प्रदान कर दिया। उल्लेखनीय है कि दशकों से व्याचाक्कुरहल्ली में महिलाएं सिर्फ जलावन-लकड़ी (firewood) का प्रयोग एकमात्र ईंधन के रूप में कर रही थीं। इसके चलते जहाँ रसोईघरों में कालिख का राज था वहीं चूल्हे के खतरनाक धुएं में काम करते-करते तमाम महिलाएं खाँसी का शिकार को गईं थीं।
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wonderfull articl MUst read
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